आर्थिक सुधार – केंद्र-राज्य भागीदारी | Reforms through Centre-state partnership
राज्य सभा टीवी के ख़ास प्रोग्राम देश-देशांतर के आज के अंक में बात आर्थिक सुधार: केंद्र-राज्य भागीदारी की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोराना संकट के इस दौर में चुनौतियों से निपटने के लिए केन्द्र और राज्यों की भागीदारी और रचनात्मक नीति दृढ़ विश्वास और प्रोत्साहनों के जरिए सुधार और विकास को महत्वपूर्ण बताया है. लिक्डन पर लिखे अपने ब्लॉग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत आए बदलावों की जानकारी दी है. ‘विश्वास और प्रोत्साहन’ शीर्षक के साथ प्रधानमंत्री ने अपने ब्लॉग में लिखा कि पैकेज में शामिल चार सुधारों ने किस तरह लोगों की मदद की है, और कैसे इस दौरान सबसे ज्यादा फायदा गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों को हुआ है, मई 2020 में, आत्मनिर्भर भारत पैकेज के हिस्से के रूप में, केन्द्र सरकार ने घोषणा की थी कि राज्य सरकारों को साल 2020-21 के लिए जीएसडीपी के अतिरिक्त 2 प्रतिशत की अनुमति दी गई थी, जिसमें 1 प्रतिशत के साथ आर्थिक सुधारों को लागू करने की शर्त रखी गई थी. राज्यों ने साल 2020-21 में 1.06 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि जुटाई. संसाधनों की उपलब्धता में ये उल्लेखनीय वृद्धि ‘केंद्र-राज्य भागीदारी’ के दृष्टिकोण से ही संभव हो पाई, एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड’नीति कारोबार में आसानी संपत्ति कर, पानी और सीवेज के शुल्कों की जानकारी, डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर के जरिए सुधारों को गति मिली जिसने विकास का आधार तैयार किया. प्रधानमंत्री ने कहा कि एक संघीय देश के लिए राज्य सरकारों को सुधारों को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर नीतिगत साधन खोजना वास्तव में चुनौतीपूर्ण है, लेकिन हमें अपनी संघीय राजनीति की मजबूती में विश्वास है और हम केंद्र-राज्य भागीदारी की भावना से आगे बढ़ रहे हैं. देश – देशांतर में आज हम चर्चा करेंगे, मौजूदा चुनौतियों से निपटने के लिए केन्द्र और राज्यों सरकारों का आपसी सहयोग और भागीदारी की, ये कितनी महत्वपूर्ण है और कैसे इस भागीदारी ने देश के विकास का एक नया मॉडल पेश किया है…?