ओपेक को भारत का सख्त संदेश
राज्य सभा टीवी के ख़ास प्रोग्राम देश देशांतर के इस अंक में आज बात ओपेक को भारत का सख्त संदेश की. भारत ने सऊदी अरब से कच्चे तेल के आयात की निर्भरता कम करने की रणनीति बनाई है। दरअसल सऊदी अरब व अन्य तेल संपन्न देशों ने उत्पादन में कटौती की है, इस कारण पेट्रोलियम पदार्थ महंगे हो गए हैं। भारत उनसे लगातार उत्पादन बढ़ाने का आग्रह कर रहा है, लेकिन वे रजामंद नहीं हैं। ऐसे में भारत ने अपनी तेल कंपनियों को सऊदी अरब से आयात पर निर्भरता कम करने और वैकल्पिक प्रबंध करने को कहा है। केंद्र सरकार ने देश की सरकारी तेल कंपनियों से कहा है कि वे इस पश्चिम एशियाई देश से कच्चे तेल की खरीद के करार की समीक्षा करें और अपने अनुकूल शर्तों के लिए वार्ता करें। भारत ने यह रणनीति कच्चे तेल के उत्पादकों के गठजोड़ को तोड़ने तथा कीमतों और अनुबंधों की शर्तों को अनुकूल करने के लिए अपनाई है। पेट्रोलियम मंत्रालय ने इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लि. (एचपीसीएल) से कहा है कि वे पश्चिम एशिया के तेल उत्पादक देशों के अलावा दूसरे देशों से कच्चे तेल की खरीदी का प्रयास करें। तेल निर्यातक देशों के संगठन व बड़े तेल उत्पादक देशों यानी ओपेक ने अप्रैल में भी कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती जारी रखने का निर्णय लिया है। ऐसे में भारत ने सऊदी अरब व अन्य पश्चिम एशियाई देशों से तेल आयात कम करने का रणनीतिक फैसला किया है। भारत की तेल कंपनियां सरकार की रणनीति के तहत सऊदी अरब से मई में एक करोड़ बैरल से कुछ अधिक ही कच्चा तेल खरीदेंगी, जबकि औसत रूप से करीब डेढ़ करोड़ टन तेल हर माह यहां से लिया जाता है। भारत अपनी कच्चे तेल की 85 प्रतिशत जरूरत आयात से पूरा करता है….तो बात इन्हीं मुद्दों की.