कोरोना महामारी और ब्लैक फंगस के बढ़ते मामले | Black Fungus: Epidemic within a larger
राज्य सभा टीवी के ख़ास प्रोग्राम देश-देशांतर के आज के अंक में बात करेंगे कोरोना महामारी और ब्लैक फंगस के बढ़ते मामले की. कोरोना महामारी के इस दौर में एक नई मुसीबत ब्लैक फंगस यानि म्यूकरमाइकोसिस के बढ़ते खतरे.. क्या है म्यूकरमाइकोसिस ब्लैक फंगस, कितना घातक है ब्लैक फंगस, किन लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है ब्लैक फंगस, कोरोना संक्रमण और ब्लैक फंगस का आपस में किस तरह से संबंध है, क्या कोविड और ब्लैक फंगस एक साथ हो सकता है?, ब्लैक फंगस हमेशा से हमारे बीच रहा है लेकिन क्यों महामारी के इस दौर में ब्लैक फंगस ज्यादा आक्रामक, खतरनाक और जानलेवा हो गया है..क्या ब्लैक फंगस छूत की बीमारी है, क्या ये कोरोना की तरह एक दूसरे को फैलता है, क्यों कई राज्यों को ब्लैक फंगस को महामारी घोषित करना पड़ा है, केन्द्र सरकार ने महामारी एक्ट 1897 के तहत राज्यों को क्या निर्देश दिये है. ब्लैकफंगस को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय, दिल्ली एम्स और आईसीएमआर की गाइडलाइंस क्या है, और इसे लेकर हमें और आपको किन सावधानियों को बरतने की जरूरत है. देश में कोरोना महामारी के बीच जानलेवा ब्लैक फंगस का संकट गहरा रहा है. देश में अबतक कुल 7251 केस सामने आ चुके हैं. इनमें से 219 मरीज अपनी जान गंवा चुके हैं, सबसे ज्यादा ब्लैक फंगस के मामले महाराष्ट्र में आए हैं, जहां इस बीमारी से 90 लोगों की मौत हो चुकी है. केंद्र ने राज्यों को निर्देश दिया है कि ब्लैक फंगस को महामारी एक्ट 1897 के तहत गंभीर बीमारी घोषित करें, साथ ही सभी सरकारी और निजी स्वास्थ्य केंद्रों पर ब्लैक फंगस की निगरानी, पहचान, इलाज और इसके मैनेजमेंट पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और ICMR की गाइडलाइन का पालन किया जाए, लिहाजा राजस्थान, गुजरात, असम, हरियाणा, तेलंगाना, पंजाब, आन्ध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु ने इस ब्लैक फंगस को महामारी घोषित कर दिया है और अब अन्य राज्य भी इसे लेकर सतर्क है.