कोविड वैक्सीन | Need for waiving Covid-19 vaccine-related IPR
राज्य सभा टीवी के ख़ास प्रोग्राम देश देशांतर के इस अंक में आज बात कोविड वैक्सीन : पेटेंट छूट से बढ़ेगा दायरा की. कोरोना महामारी से बचने के लिए पूरी दुनिया में वैक्सीन के उत्पादन को बढ़ाया जाय, ऐसे में, पीपीई किट, सैनिटाइजर व कोरोना के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाइयों की तरह भारत अब वैक्सीन का भी वैश्विक स्तर पर बड़ा सप्लायर बनने की तैयारी कर रहा है। इस दिशा में चौतरफा प्रयास शुरू हो गए हैं। भारत को कोरोना वैक्सीन की घरेलू जरूरत को पूरा करने के साथ उसकी मैन्यूफैक्चरिंग क्षमता भी बढ़ाने में मदद मिलेगी।भारत ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की इमरजेंसी यूज लिस्टिंग (ईयूएल) में सूचीबद्ध कोरोना वैक्सीन के भारत में आने का रास्ता साफ कर दिया है, देश को कोरोना वैक्सीन के उत्पादन का हब बनाने के लिए कूटनीतिक स्तर पर विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में भी भारत ने अपने पक्ष में माहौल बनाना शुरू कर दिया है ताकि कोरोना वैक्सीन के उत्पादन को लेकर बौद्धिक संपदा अधिकार का बंधन नहीं रहे और भारत पूरी दुनिया के लिए वैक्सीन का उत्पादन कर सके। वैक्सीन निर्माण से जुड़े बौद्धिक संपदा अधिकार के बंधन को खत्म करने को लेकर भारत के पक्ष में पहले से दुनिया के 57 देश हैं और अब कई नोबेल पुरस्कार विजेता भी भारत की दलील को सही ठहरा रहे हैं। उन्होंने अमेरिकी प्रशासन से इस दिशा में आगे आने के लिए कहा है। भारत अब तक 60 देशों को छह करोड़ से अधिक कोरोना वैक्सीन दे चुका है। डब्ल्यूटीओ में कोविड-19 वैक्सीन के लिए बौद्धिक संपदा अधिकार के व्यापार संबंधित पहलुओं (ट्रिप्स) से छूट पाने के भारत और दक्षिण अफ्रीका के प्रस्ताव अमेरिका ने कोई वादा नहीं किया है। भारत, दक्षिण अफ्रीका और कई अन्य देशों द्वारा लाए गए इस प्रस्ताव का मकसद निम्न और मध्यम आय वाले देशों को आसानी से और उचित कीमत पर वैक्सीन उपलब्ध कराना है..तो बात इन्हीं मुद्दों की.