कोविड-19 और मानसिक स्वास्थ्य | Covid-19 and Mental Health
राज्य सभा टीवी के ख़ास प्रोग्राम देश देशांतर के इस अंक में आज बात कोविड-19 और मानसिक स्वास्थ्य की। आज हम सब कोरोना की चुनौती का सामना कर रहे है। कोविड महामारी का असर न सिर्फ लोगों के शारीरिक स्वास्थ्य पर पड़ रहा है, बल्कि इससे लोगों की मानसिक सेहत पर भी बहुत नकारात्मक असर पड़ रहा है। लंबे वक्त तक क्वारंटाइन रहना, कोरोना से अपनों को खोने का दुख, कई लोगों की नौकरी जाने और आमदनी कम होने का सदमा, मनचाही जगहों पर आवाजाही पर पाबंदी और पारिवारिक और सामाजिक मेलजोल कम होने से भविष्य का डर बना हुआ है। इस वायरस के फैलाव की शुरुआत से ले कर अब तक दुनिया के कई देशों में मानसिक रोग से पीड़ित लोगों की संख्या में 50 फीसदी तक उछाल आया है। इस का सब से ज्यादा असर बच्चों, युवावर्ग और स्वास्थ्यकर्मियों पर देखने को मिल रहा है। आज के इस नकारात्मकता भरे माहौल में किस हद तक हमारी मानसिक सेहत प्रभावित हो रही है। क्या ऐसे रास्ते या उपाय है जिन्हें अपनाकर खुद को दिमागी और भावनात्मक रूप से मजबूत रखा जा सकता है। जाहिर है ये वक्त ये दौर हर तरह से बेहद उथल पुथल वाला है। संक्रामक रोग सभी लोगों पर एक गहरा मनोवैज्ञानिक प्रभाव डालते हैं- उन लोगों पर भी जो वायरस से प्रभावित नहीं हैं। लेकिन अपने आप को मानसिक रूप से मजबूत रखना इस समय सबसे बड़ी जरूरत है। कठिन है ये कहना कि हिम्मत रखिए धीरज रखिए और खुद को हर हाल में सकारात्मक रखने की कोशिश करें। बेशक वक्त अभी खराब चल रहा है, लेकिन आप ही चिंतित, निराश, उदास, तनावग्रस्त रहने लगेंगे, तो इसका असर आपकी मानसिक सेहत के साथ साथ शारीरिक सेहत पर भी पर जरूर पड़ेगा, और स्थिति संभलने की बजाय और बिगड़ती ही जाएगी। यकीन मानिए आप सभी की.. हर एक व्यक्ति की मजबूती से ही हम इस चुनौती से पार पा सकेंगे।
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