कोविड-19 – नए वेरिएंट की चुनौतियां | Covid-19: Challenges of new variants
राज्य सभा टीवी के ख़ास प्रोग्राम देश देशांतर के इस अंक में आज बात कोविड-19 : नए वेरिएंट की चुनौतियां की। कोविड 19 महामारी के बीच इस वायरस को लेकर लगातार स्टडीज और शोध जारी है। और समय के साथ इसके अलग अलग वैरिएंट्स भी सामने आ रहे है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपने 32 पेज के दस्तावेज में कहा है कि कोरोना के जिस वेरिएंट के कारण भारत में स्थिति बिगड़ी है, वो दुनिया के सभी 6 क्षेत्रों के 44 देशों में पाया गया है। कोरोना का B.1.617 वेरिएंट बीते साल 2020 अक्टूबर महीने में भारत में पाया गया था। B.1.617 वेरिएंट से संक्रमित मरीज को ठीक होने में ज्यादा समय लगता है और यह एंटीबॉडी के न्यूट्रलाइजेशन को भी घटा देता है। इसके अलावा अधिक संक्रामक वेरिएंट भी देश में फैल रहे हैं जिनमें B.1.1.7 भी शामिल है जो पहली बार ब्रिटेन में पाया गया था। भारत के बाहर ब्रिटेन में सबसे ज्यादा इस वेरिएंट के मामले सामने आए हैं। कोरोना के B.1.617 वेरिएंट को WHO ने उन तीन खतरनाक कोरोना के प्रकारों की श्रेणी में डाल दिया है तो सर्वप्रथम ब्रिटेन, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका में मिले थे। आखिर क्या है कोरोना वायरस के ये वैरिएंट जो स्थिति को गंभीर बना रहे है और वैरिएंट उपचार या वैक्सीन पर क्या असर डाल रहे है साथ ही और कैसे बदले हुए वैरिएंट कोरोना के खिलाफ लड़ाई को और चुनौतीपूर्ण बना रही है- आज देश देशांतर में हम इन्हीं पहलुओं पर चर्चा करेंगे।