राज्य सभा टीवी के ख़ास प्रोग्राम देश-देशांतर के आज के अंक में बात कोविड-19 : वायरस उत्पत्ति की जांच की. कहां से आया सार्स कोविड यानि कोरोना वायरस, क्यों और कैसे हुई कोरोना वायरस की उत्पत्ति, कैसे इस वायरस ने पूरी दुनियां को अपनी चपेट में ले लिया, इस मामले में क्या कहती है डब्लूएचओ की जांच रिपोर्ट, इस रिपोर्ट पर अमेरिका और भारत सहित दुनियां के तमाम देशों का क्या रुख है. कोरोना वायरस के ओरिजिन से जुड़ी तमाम कोशिशों को और उससे निकले निष्कर्षों पर करेंगे चर्चा, दुनिया में कोरोना वायरस को लेकर दो थ्योरी हैं, पहली थ्योरी जिसका चीन समर्थन करता है, चमगादड़ या पैंगोलिन से फैला कोरोना वायरस, वही दूरी थ्योरी ये कहती है कि चीन की वुहान लैब से वायरस पैदा हुआ है, और इस थ्योरी का समर्थन अमेरिका सहित दुनियां के तमाम देश कर रहे हैं. कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है, अमेरिका ने विश्व स्वास्थ्य संगठन से कोरोना वायरस की उत्पत्ति की दूसरे चरण की जाँच को आगे बढ़ाने को कहा, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने इंटेलिजेंस एजेंसियों को 90 दिनों के अंदर यह पता लगाने का आदेश दिया है कि कोरोना वायरस कहां से फैला, इससे पहले अमेरिकी स्वास्थ्य मंत्री ज़ेवियर बेसेरा ने वर्ल्ड हेल्थ असेंबली में चीन का नाम लिए बग़ैर विश्व स्वास्थ्य संगठन से कहा था कि कोरोना वायरस कहां से फैला, इसकी जाँच का अगला चरण ‘पारदर्शी’ होना चाहिए. डब्ल्यूएचओ के शीर्ष वायरोलॉजिस्ट मैरियन कोपमैन्स का कहना है कि ‘फॉलो-अप’ जांच की जरूरत है। भारत ने भी ने कहा है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की कोविड-19 की उत्पति से जुड़ी जाँच का अध्ययन एक अहम क़दम है, लेकिन इस मामले में अगले चरण की जाँच की ज़रूरत है ताकि किसी निष्कर्ष पर पहुँचा जा सके, और जाँच और अध्ययन के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन को पूरी दुनिया से मदद मिलनी चाहिए.