जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम विधेयक, 2021 | Deposit, Credit Insurance Guarantee Bill
राज्य सभा टीवी के ख़ास प्रोग्राम देश-देशांतर के आज के इस अंक में बात जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम विधेयक, 2021 की. सरकार की तरफ से बैंक ग्राहकों को बड़ी राहत मिली है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन यानि DICGC एक्ट में संशोधन को को मंजूरी दे दी है. इससे किसी बैंक के डूबने पर बीमा के तहत खाताधारकों को पैसा 90 दिन के भीतर पैसा मिल सकेगा. सरकार का कहना है कि बैंक डूबने की स्थिति में ग्राहकों को 90 दिनों के भीतर बैंक जमा पर 5 लाख रुपए का इंश्योरेंस मिलेगा. यानि सरकार ग्राहकों के लिए 90-दिन की समय-सीमा निर्धारित करने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है, अगर उनके बैंक बंद हो जाते हैं या पैसे निकालने पर प्रतिबंध लग जाता है, तो उनका 5 लाख रुपए सुरक्षित होगा. इस कदम से जमाकर्ताओं को निर्धारित समय-सीमा के भीतर पहुंच सुनिश्चित करने और वित्तीय जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकों के विफल होने पर DICGC कवर के लिए आसान और समयबद्ध पहुंच का वादा किया है. दरअसल, बजट में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने इसकी घोषणा की थी जिसे अब सरकार ने लागू कर दिया है. सरकार के इस फैसले के पीछे मकसद यह है कि बैंक में ग्राहकों का जमा पैसा सुरक्षित रह सकें. 2019 में पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक में फ्रॉड के बाद बैंक के ग्राहक अपना पैसा वापस करने की मांग करने लगे थे. जिसके बाद बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम जनता के पैसों की सुरक्षा के लिए यह घोषणा की थी। बजट 2021 में, सीतारमण ने डीआईसीजीसी अधिनियम के तहत इंश्योर्ड बैंक डिपॉजिट की सीमा को 1 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए करने की घोषणा की थी। अब इस संशोधित बिल को संसद के मॉनसून सत्र में रखे जाने की उम्मीद है। देश देशांतर में आज बात इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन यानि DICGC एक्ट में संशोधन के प्रावधान और इसके अलग अलग पहलुओं पर बात करेंगे।