जम्मू-कश्मीर – परिसीमन और चुनाव | Political Process in J&K
राज्य सभा टीवी के ख़ास प्रोग्राम देश-देशांतर के आज के अंक में बात जम्मू-कश्मीर : परिसीमन और चुनाव की. केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के भविष्य की रणनीति का खाका तैयार करने के लिए केंद्र ने जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक नेतृत्व के साथ वार्ता का हाथ बढ़ाया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को जम्मू-कश्मीर के अलग-अलग दलों के 14 नेताओं के साथ अहम बैठक की. प्रधानमंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र को grassroot तक ले जाने के लिए हम सबको मिलकर काम करना होगा. प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि सफलतापूर्वक संपन्न हुए डीडीसी चुनाव की तरह ही विधानसभा चुनाव कराना हमारी प्राथमिकता है और इसके लिए परिसीमन की प्रक्रिया को तेजी से पूरा करना होगा। ताकि हर क्षेत्र, हर वर्ग को पर्याप्त राजनीतिक प्रतिनिधित्व विधानसभा में प्राप्त हो सके. इस बैटक में जम्मू कश्मीर से आये सभी नेताओं ने खुलकर अपनी बात रखी. कश्मीर को राज्य का दर्जा, विधानसभा चुनाव, कश्मीरी पंडितों का पुनर्वास, राजनैतिक कैदियों की रिहाई औऱ डोमिसाइल जमीन की गारंटी से जुड़े मुद्दे उठाए गए, जम्मू-कश्मीर के चार पूर्व मुख्यमंत्रियों डॉ फ़ारूक़ अब्दुल्लाह, उमर अब्दुल्लाह, महबूबा मुफ्ती और ग़ुलाम नबी आज़ाद भी इस बैठक में शामिल हुए. प्रधानमंत्री ने इस बात की सराहना की कि सभी दलों के नेताओं ने खुले मन से अपनी-अपनी बात रखी. प्रधानमंत्री मोदी ने जम्मू-कश्मीर के नेताओं से कहा कि वह दिल्ली की दूरी और दिल की दूरी को दूर करना चाहते हैं. गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य की बदलती सूरत और विकास कार्यों का ब्यौरा दिया, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जम्मू और कश्मीर के नेताओं के साथ मुलाकात को विकसित और प्रगतिशील जम्मू-कश्मीर की दिशा में चल रहे प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है, और कहा कि लोकतंत्र को मजबूती देने की दिशा में ये एक सकारात्मक चर्चा वाली बैठक रही. अपने खास मेहमानों से हम इस लोकतांत्रिक बैठक से निकले संदेश, राज्य में विधानसभा चुनाव को लेकर बढ़ते कदम राज्य में लोकतंत्र और विकास के रोडमैप और सबको लेकर साथ लेकर चलने की राह को लेकर चर्चा करेंगे
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