न्यायपालिका और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस | Judiciary & Artificial Intelligence
राज्य सभा टीवी के ख़ास प्रोग्राम देश देशांतर के इस अंक में आज बात न्यायपालिका और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की. सुप्रीम कोर्ट की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कमेटी ने मंगलवार को अपना आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पोर्टल SUPACE (सुप्रीम कोर्ट पोर्टल फॉर असिस्टेंस इन कोर्ट एफिशिएंसी) लॉन्च किया। CJI एसए बोबडे, आगामी CJI जस्टिस एनवी रमना और सुप्रीम कोर्ट की एआई कमेटी के चेयरमैन जस्टिस नागेश्वर राव और हाईकोर्ट के जज मौजूद थे। CJI बोबड़े ने पोर्टल को लॉन्च करते हुए कहा कि ‘मानव बुद्धि और मशीन लर्निंग का उचित मिश्रण’ है और एक ‘हाइब्रिड सिस्टम’ है, जो मानव बुद्धि के साथ मिलकर काम करता है। CJI ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के खिलाफ आपत्तियों और आलोचनाओं की भी चर्चा की और कहा कि जैसा कि ज्यादातर लोगों के लिए इसका मतलब है स्वचालित निर्णय लेना। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस प्रणाली के संदर्भ में इस तरह की आपत्तियां पूरी तरह से अनुचित हैं, क्योंकि इसे जजों को तथ्यों को उपलब्ध कराने के लिए डिज़ाइन किया गया, जिनकी उन्हें उन्हें निर्णय लेने के लिए आवश्यकता है और यह उन्हें निर्णय देने में सक्षम बनाता है। प्रत्येक न्यायाधीश के लिए उचित है कि निर्णय लेने का कार्य पर उसी पर छोड़ दिया जाना चाहिए, मशीन को इसे तय नहीं करना चाहिए।” आगामी CJI,जस्टिस रमना ने इसे सुप्रीम कोर्ट और न्यायपालिका के इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन कहा और कहा कि एआई टूल की शुरुआत सीजेआई की एक और उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि यह न्याय तक पहुंच सुनिश्चित करने का एक और बड़ा कदम है और जरूरतमंद लोगों को न्याय दिलाने में न्यायपालिका के लिए मददगार होगा…तो बात इन्हीं मुद्दों की.