भारतीय लोकतंत्र – सफर और सपना | Dream of Indian Republic
राज्य सभा टीवी के ख़ास प्रोग्राम देश देशांतर के इस अंक में आज भारतीय लोकतंत्र : सफर और सपना की. भारत ने एक गणतंत्र के तौर पर 71 साल की यात्रा पूरी कर ली है. सन 1921 में ही दिल्ली में संसद भवन की आधारशिला ड्यूक आफ कनॉट ने रखी थी. जिस तरीके से भारतीय लोकतंत्र को देखें तो यहां पर एक प्रतिनिधि लोकतंत्र में लोग अपने चुने हुए प्रतिनिधियों के जरिये कानून बनाने और शासन में भाग लेते हैं लेकिन ये ताकत शुरुआत में नहीं थी. कैसे इस सफर में ताकत मिली और जब भारतीय गणतंत्र का सपना देखा गया था उस समय के हालत क्या थे, कैसे बदलाव और चुनावी प्रक्रिया और संसद किस तरीके से इसका नतीजा हमारे सामने हैं.. तो बात आज इन्हीं ख़ास मुद्दों की.