राज्य सभा टीवी के ख़ास प्रोग्राम देश-देशांतर के आज के अंक में बात मेगा सिटी : भविष्य का रोडमैप की. राजधानी दिल्ली की सूरत बदलने और ट्रैफिक के जंजाल से मुक्त करने के लिए दिल्ली का मास्टर प्लान 2041 का मसौदा सामने आ गया है। मास्टर प्लान के ड्राफ्ट में अनुमान लगाया गया है कि 2041 तक दिल्ली की आबादी 2.6 करोड़ से बढ़कर 2.92 करोड़ हो जाएगी। आबादी की जरूरतों को देखते हुए ही प्रस्तावित प्लान तैयार किया गया है। अगले 20 वर्षों में दिल्ली के विकास के मकसद से तैयार किए गए दिल्ली मास्टर प्लान 2041 के मसौदे के अनुसार, किराये के किफायती आवास, पूरी सुविधाओं वाले रिहायशी क्षेत्र और छोटे प्रारूप वाले मकान राष्ट्रीय राजधानी में आवास विकास के कुछ प्रमुख बिंदु होंगे। दिल्ली को अगले 20 साल में 24 आवर सिटी बनाने का प्लान है। मास्टर प्लान के मसौदे को सार्वजनिक कर आम नागरिकों से आपत्ति और सुझाव आमंत्रित किए गए हैं। संयुक्त राष्ट्र के डिपार्टमेंट ऑफ इक्नॉमिक्स एंड सोशल अफेयर ने वर्ल्ड सिटीज रिपोर्ट-2016 में कहा है कि वर्ष 2030 तक भारत सात मेगा सिटी वाला देश होगा, जिसमें प्रत्येक मेगा सिटी में 96 लाख जनसंख्या होगी। इन सात मेगा सिटी में आबादी के मामले में दिल्ली दूसरे स्थान पर होगी। ऐसे में सरकार के समक्ष एक बड़ी चुनौती यह होगी कि कैसे आबादी के लिहाज से यहां के संसाधनों को बढ़ाया जाए। अगर राजधानी दिल्ली में आबादी और संसाधनों का बेहतर संतुलन नहीं कायम हुआ तो जाहिर है कि यहां लोगों को विकराल समस्या से भी जूझना होगा। फिलहाल देश में मात्र पांच मेगा सिटी है, जिनकी जनसंख्या एक करोड़ से अधिक है। देश देशांतर में आज बात मैगा सिटीज और फ्यूचर रोडमैप की।