म्यांमार संकट और इतिहास | Myanmar Crisis & History
राज्य सभा टीवी के ख़ास प्रोग्राम देश देशांतर के इस अंक में आज बात नए वित्त वर्ष का रोड मैप की. म्यांमार में जारी संकट फिलहाल खत्म होता नजर नहीं आ रहा है। वहां पर सैन्य शासन के आदेश पर की जा रही कार्रवाई मे अब तक 550 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। अंतरराष्ट्रीय संगठनों का मानना है कि ये संख्या इससे कहीं अधिक हो सकती है। म्यांमार में 1 फरवरी 2021 को कमांडर इन चीफ ऑफ डिफेंस सर्विस मींग आंग ह्लेनिंग ने वहां की लोकतांत्रिक सत्ता का तख्तापलट कर सत्ता अपने हाथों में ले ली थी। इसके बाद वहां की लोकतांत्रिक सत्ता की प्रमुख आंग सांग सू की समेत सत्ताधारी पार्टी के नेताओं समेत पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं को बड़ी संख्या में हिरासत में लिया गया है। म्यांमार की सैन्य सरकार जबरन लोगों को हिरासत में ले रही है और उन्हें प्रताडि़त कर रही है। पिछले साल के आखिर में हुए आम चुनाव में आंग सान सू की की नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) पार्टी ने भारी बहुमत हासिल किया था, अमेरिका और यूरोपीय संघ ने सैन्य शासकों के खिलाफ कड़े प्रतिबंध लगाए हैं, फिर भी सेना बर्बरता से प्रदशनकारियों का दमन कर रही है। सेना ने सू की सहित अनेक नेताओं को गिरफ्तार कर एक साल के लिए देश में इमरजेंसी भी लगा दी है। सेना ने चुनाव में धांधली का आरोप लगाया था, जिसे वहां के चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया था। म्यांमार के हालात से सीमावर्ती राज्यों को सतर्क रहने की जरूरत है..तो बात इन्हीं मुद्दों की.
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