विज्ञान की पढ़ाई : भारतीय महिलाएं आगे | Fewer women STEM graduates in workforce
भारत में विज्ञान विषयों में छात्राओं की दिलचस्पी बढ़ रही है. अब स्थिति यह हो गई है कि यहां साइंस, इंजीनियरिंग, टेक्नोलॉजी और मैथेमेटिक्स यानी स्टेम विषयों में महिला ग्रेजुएट्स की संख्या ने अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस जैसे विकसित देशों को पीछे छोड़ दिया है. भारतीय तकनीकी संस्थान (आईआईटी) और भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) जैसे संस्थानों में छात्राओं की बढ़ती तादाद भी इसका सबूत है. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने लोकसभा में बताया कि स्टेम में जहां छात्राओं की तादाद लगातार बढ़ रही है वहीं छात्रों की संख्या में लगातार गिरावट आ रही है। STEM विषयों में पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की भागीदारी वैश्विक स्तर पर कम है। लेकिन एक उत्साहजनक खबर ये है कि स्टेम विषयों में भारतीय महिला स्नातकों की भागीदारी वैश्विक स्तर पर बढ़ी है। शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने यह जानकारी लोकसभा में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में दी है। विश्व बैंक द्वारा प्रकाशित जेंडर सांख्यिकी डेटा बैंक का हवाला देते हुए शिक्षा मंत्री ने बताया है कि स्टेम विषयों में विकसित देशों अमेरिका की 34%, यूके की 38%, जर्मनी की 27% और फ्रांस की 32% भागीदारी की तुलना में महिला स्नातकों की भागीदारी भारत में सबसे ज्यादा 43 प्रतिशत है। शिक्षा मंत्री ने लोकसभा में बताया कि अखिल भारतीय उच्चतर शिक्षा सर्वेक्षण AISHE , 2019-20 के आंकड़ों के अनुसार, स्टेम विषयों में 40 लाख 71 हजार 533 महिलाओं के नामांकन की तुलना में नामांकित पुरुषों की संख्या 53 लाख 52 हजार 258 है। यानि आंकड़े लगातार भारत में स्टेम विष्यों में छात्राओं की बढती रूचि की तरफ इशारा कर रहे है। देश देशांतर में आज बात विज्ञान की पढ़ाई को लेकर भारतीय महिलाओं की बढ़ती भागीदारी की