राज्य सभा टीवी के ख़ास प्रोग्राम देश-देशांतर के आज के इस अंक में बात संसदीय कामकाज और डिजिटल तकनीक की. संसद और सभी राज्य विधानसभाओं की कार्यवाही को एक ही डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाने की तैयारी चल रही है और सदनों की कार्यवाही का सीधा प्रसारण मोबाइल एप पर देखा जा सकता है। सदनों की कार्यवाही का लाइव टेलीकास्ट और सभी प्रकार के कंटेंट को देश के आम लोग भी इंटरनेट और मोबाइल ऐप पर किसी भी समय देख सकेगे। विभिन्न राज्य विधानसभाओं की कार्यवाही और सामग्री को भी बाद में इस डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़ा जाएगा। असम विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष हितेश गोस्वामी की अध्यक्षता में एक ई-विधान समिति को देहरादून में आयोजित पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन में इस संबंध में एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया था। हितेश गोस्वामी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। 15 अगस्त के बाद पीठासीन अधिकारियों के अगले सम्मेलन में इस रिपोर्ट पर स्वीकृति ली जायेगी और इस दिशा में तेजी से काम आगे बढाया जाएगा। इस प्रस्ताव को क्रियान्वित करने की कार्ययोजना तैयार की जा चुकी है। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने बताया है कि लोगों तक संसद से जुड़ी ज़्यादा से ज़्यादा जानकारी पहुंचाने के लिए एप बनाया जा रहा है. इस एप में संसद टीवी का लाइव प्रसारण तो उपलब्ध होगा, साथ ही संसद की पुरानी कार्यवाही और उससे जुड़े दस्तावेज़ों का पूरा लेखा जोखा भी रहेगा। इसके अलावा संसद में ब्रिटिश काल से अब तक जितने भी वाद विवाद हुए हैं, उसे आम नागरिकों को सहज रूप से उपलब्ध कराने की कोशिश हो रही है। उन्होंने कहा कि संसद लाइब्रेरी में 1854 से लेकर अब तक के कई दस्तावेज उपलब्ध हैं। अब तक 10वीं से 17वीं लोकसभा में हुए वाद विवाद को डिजिटल कर दिया गया है। इस साल तक 167 साल के दौरान हुए वाद विवाद को डिजिटल स्वरूप में वेबसाइट पर उपलब्ध करा दिया जाएगा। इसका मकसद ये है कि आम लोग संसद के विभिन्न आयामों से आसानी से जुड़ सकें। देश देशांतर में आज बात संसद को पूरी तरह डिजिटल बनाने की जरूरत और इस दिशा में किए जा रहे प्रयासों की।