राज्य सभा टीवी के ख़ास प्रोग्राम देश-देशांतर के आज के अंक में बात सतत विकास लक्ष्य और पूर्वी भारत की. नीति आयोग ने सतत विकास लक्ष्य यानि Sustainable Development Goals इंडेक्स का तीसरा संस्करण जारी कर दिया। इसमें 2020-21 के लिए सतत विकास लक्ष्य के मोर्चे पर राज्यों का प्रदर्शन और उनकी रैंकिंग है। ताजा रैंकिंग में केरल ने सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है तो बिहार ने सबसे खराब। फिर झारखंड का नंबर आता है। हालांकि बिहार-झारखंड ने पिछली रैंकिंग के मुकाबले अपने प्रदर्शन में सुधार किया है।अंकों के लिहाज से सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाले टॉप 5 स्थानों में पहला स्थान केरल को मिला है, जिसे 75 अंक हासिल हुए हैं। वहीं 74 अंकों के साथ हिमाचल प्रदेश और तमिलनाडु संयुक्त रूप से दूसरे स्थान पर हैं। अगर सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले राज्यों की बात करें तो 52 अंकों के साथ बिहार सबसे आखिरी पायदान पर है जबकि 56 अंकों के साथ झारखंड और 57 अंकों के साथ असम उसके ऊपर हैं। अरूणाचल प्रदेश, मेघालय, का नाम भी उत्तर प्रदेश और राजस्थान के साथ नीचे से चौथे नंबर पर है। नीते से पांचवें स्थान पर छत्तीसगढ़ नागालैंड और ओडिशा है। अच्छी ये बात रही कि पिछली बार के मुकाबले इस बार किसी भी राज्य को 50 से कम अंक नहीं मिले हैं। 50 से कम अंक लाने वाले राज्यों को आकांक्षी यानि Aspirants राज्यों की श्रेणी में रखा जाता है। पिछली बार (2019-20) बिहार, उत्तर प्रदेश और असम इस श्रेणी में शामिल थे। अपने प्रदर्शन को सुधारते हुए इस बार 50 से ऊपर अंक लाकर ये राज्य कर्ता यानि Performer राज्यों की कैटेगरी में पहुंच गए हैं।- नीति आयोग ने संयुक्त राष्ट्र संघ (UN) की भारतीय शाखा के साथ मिलकर 2018 में सतत विकास लक्ष्य इंडेक्स की शुरुआत की थी। इस इंडेक्स को सतत विकास लक्ष्य के 17 लक्ष्यों को पैमाना बनाकर तैयार किया जाता है।इसमें गरीबी निवारण, भूख को खत्म करना, स्वास्थ्य और लोगों का कल्याण, शिक्षा की गुणवत्ता, साफ पानी और सफाई, साफ ऊर्जा और लिंग समानता जैसे लक्ष्य शामिल हैं। गरीबी निवारण में तमिलनाडु और दिल्ली पहले पायदान पर है, जबकि भूख को खत्म करने के मामले में केरल और चंडीगढ़ सबसे आगे हैं। जबकि अच्छे स्वास्थ्य के लक्ष्य के मामले में गुजरात और दिल्ली ने सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है…इन तमाम पहलुओं पर करेंगे.
सतत विकास लक्ष्य और पूर्वी भारत | Sustainable Development Goals index
राज्य सभा टीवी के ख़ास प्रोग्राम देश-देशांतर के आज के अंक में बात सतत विकास लक्ष्य और पूर्वी भारत की. नीति आयोग ने सतत विकास लक्ष्य यानि Sustainable Development Goals इंडेक्स का तीसरा संस्करण जारी कर दिया। इसमें 2020-21 के लिए सतत विकास लक्ष्य के मोर्चे पर राज्यों का प्रदर्शन और उनकी रैंकिंग है। ताजा रैंकिंग में केरल ने सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है तो बिहार ने सबसे खराब। फिर झारखंड का नंबर आता है। हालांकि बिहार-झारखंड ने पिछली रैंकिंग के मुकाबले अपने प्रदर्शन में सुधार किया है।अंकों के लिहाज से सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाले टॉप 5 स्थानों में पहला स्थान केरल को मिला है, जिसे 75 अंक हासिल हुए हैं। वहीं 74 अंकों के साथ हिमाचल प्रदेश और तमिलनाडु संयुक्त रूप से दूसरे स्थान पर हैं। अगर सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले राज्यों की बात करें तो 52 अंकों के साथ बिहार सबसे आखिरी पायदान पर है जबकि 56 अंकों के साथ झारखंड और 57 अंकों के साथ असम उसके ऊपर हैं। अरूणाचल प्रदेश, मेघालय, का नाम भी उत्तर प्रदेश और राजस्थान के साथ नीचे से चौथे नंबर पर है। नीते से पांचवें स्थान पर छत्तीसगढ़ नागालैंड और ओडिशा है। अच्छी ये बात रही कि पिछली बार के मुकाबले इस बार किसी भी राज्य को 50 से कम अंक नहीं मिले हैं। 50 से कम अंक लाने वाले राज्यों को आकांक्षी यानि Aspirants राज्यों की श्रेणी में रखा जाता है। पिछली बार (2019-20) बिहार, उत्तर प्रदेश और असम इस श्रेणी में शामिल थे। अपने प्रदर्शन को सुधारते हुए इस बार 50 से ऊपर अंक लाकर ये राज्य कर्ता यानि Performer राज्यों की कैटेगरी में पहुंच गए हैं।- नीति आयोग ने संयुक्त राष्ट्र संघ (UN) की भारतीय शाखा के साथ मिलकर 2018 में सतत विकास लक्ष्य इंडेक्स की शुरुआत की थी। इस इंडेक्स को सतत विकास लक्ष्य के 17 लक्ष्यों को पैमाना बनाकर तैयार किया जाता है।इसमें गरीबी निवारण, भूख को खत्म करना, स्वास्थ्य और लोगों का कल्याण, शिक्षा की गुणवत्ता, साफ पानी और सफाई, साफ ऊर्जा और लिंग समानता जैसे लक्ष्य शामिल हैं। गरीबी निवारण में तमिलनाडु और दिल्ली पहले पायदान पर है, जबकि भूख को खत्म करने के मामले में केरल और चंडीगढ़ सबसे आगे हैं। जबकि अच्छे स्वास्थ्य के लक्ष्य के मामले में गुजरात और दिल्ली ने सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है…इन तमाम पहलुओं पर करेंगे.