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 समास

 समास :

उत्तर – दो या दो से अधिक शब्दों से मिलकर बने हुए एक नवीन एवं सार्थक शब्द को समास कहते हैं। जैसे – ‘रसोई के लिए घर’ इसे हम ‘रसोईघर’ भी कह सकते हैं।

समास विग्रह :

 सामासिक शब्दों के बीच के संबंध को स्पष्ट करना समास-विग्रह कहलाता है। जैसे-राजपुत्र-राजा का पुत्र।

 पद (स्थान)

 जब शब्द वाक्य में प्रयोग होकर अपना एक विशेष स्थान प्राप्त कर लेता है तब वह शब्द पद कहलाता है।

 पूर्वपद और उत्तरपद:

समास में दो पद (शब्द) होते हैं। पहले पद को पूर्वपद और दूसरे पद को उत्तरपद कहते हैं। जैसे-गंगाजल। इसमें गंगा पूर्वपद और जल उत्तरपद है।

  1. संधि और समास में  अंतर

संधि वर्णों में होती है। इसमें विभक्ति या शब्द का लोप नहीं होता है। जैसे – देव+आलय = देवालय। समास दो पदों में होता है। समास होने पर विभक्ति या शब्दों का लोप भी हो जाता है। जैसे – माता-पिता = माता और पिता।

 समास मुख्य रूप से चार प्रकार के होते हैं-

  1. अव्ययीभाव समास
  2. तत्पुरुष समास
  3. द्वन्द्व समास
  4. बहुव्रीहि समास

 

  1. अव्ययीभाव समास

जिस समास का पहला पद प्रधान हो और वह अव्यय (किसी भी भाषा के वे शब्द अव्यय (Indeclinable या inflexible) कहलाते हैं जिनके रूप में लिंगवचनपुरुषकारककाल इत्यादि के कारण कोई विकार उत्पत्र नहीं होता। ऐसे शब्द हर स्थिति में अपने मूलरूप में बने रहते है। चूँकि अव्यय का रूपान्तर नहीं होता, इसलिए ऐसे शब्द अविकारी होते हैं। अव्यय का शाब्दिक अर्थ हैजो व्यय न हो।

उदाहरण

हिन्दी अव्यय : जब, तब, अभी, उधर, वहाँ, इधर, कब, क्यों, वाह, आह, ठीक, अरे, और, तथा, एवं, किन्तु, परन्तु, बल्कि, इसलिए, अतः, अतएव, चूँकि, अवश्य, अर्थात इत्यादि।) हो उसे अव्ययीभाव समास कहते हैं। जैसे – यथामति (मति के अनुसार),

यथासामर्थ्य – सामर्थ्य के अनुसार

यथाशक्ति – शक्ति के अनुसार

यथाविधि- विधि के अनुसार

यथाक्रम – क्रम के अनुसार

  1. तत्पुरुष समास

जिस समास का उत्तरपद प्रधान हो और पूर्वपद गौण हो उसे तत्पुरुष समास कहते हैं। जैसे – तुलसीदासकृत = तुलसी द्वारा कृत (रचित)

गिरहकट – गिरह को काटने वाला

मनचाहा – मन से चाहा

रसोईघर – रसोई के लिए घर

देशनिकाला – देश से निकाला

गंगाजल – गंगा का जल

नगरवास – नगर में वास

तत्पुरुष समास की परिभाषा

तत्पुरुष समास वह होता है, जिसमें उत्तरपद प्रधान होता है, अर्थात प्रथम पद गौण होता है एवं उत्तर पद की प्रधानता होती है व समास करते वक़्त बीच की विभक्ति का लोप हो जाता है।

इस समास में आने वाले कारक चिन्हों को, से, के लिए, से, का/के/की, में, पर आदि का लोप होता है।

तत्पुरुष समास के उदाहरण :

  • मूर्ति को बनाने वाला — मूर्तिकार
  • काल को जीतने वाला — कालजयी
  • राजा को धोखा देने वाला — राजद्रोही
  • खुद को मारने वाला — आत्मघाती
  • मांस को खाने वाला — मांसाहारी
  • शाक को खाने वाला — शाकाहारी

तत्पुरुष समास के भेद

कारक चिन्हों के अनुसार इस समास के छः भेद हो जाते है।

  1. कर्म तत्पुरुष समास
  2. करण तत्पुरुष समास
  3. सम्प्रदान तत्पुरुष समास
  4. अपादान तत्पुरुष समास
  5. सम्बन्ध तत्पुरुष समास
  6. अधिकरण तत्पुरुष समास
  7. कर्म तत्पुरुष समास :

यह समास को’ चिन्ह के लोप से बनता है।   जैसे :

  • ग्रामगत : ग्रामको गया हुआ।
  • यशप्राप्त : यशको प्राप्त।
  • स्वर्गगत : स्वर्गको गया हुआ।
  • ग्रंथकार : ग्रन्थको लिखने वाला।
  • माखनचोर : माखनको चुराने वाला।
  • सम्मानप्राप्त : सम्मानको प्राप्त

ऊपर दिए गए उदाहरणों में जैसा की आप देख सकते हैं यहां सभी शब्दों में उत्तरपद प्रधान है एवम पूर्वपद गौण है। जब इनका समास किया जाता है तब इनके बीच में को योजक चिन्ह का लोप हो जाता है।

अतः ये उदाहरण कर्म तत्पुरुष समास के अंतर्गत आएंगे।

  • परलोकगमन : परलोकको गमन।
  • शरणागत : शरणको आया हुआ।
  • आशातीत : आशाको लाँघकर गया हुआ।
  • सिरतोड़ : सिरको तोड़ने वाला।

जैसा की आप ऊपर दिए गए उदाहरणों में देख सकते हैं की यहाँ भी सभी शब्दों में उत्तरपद प्रधान है एवम पूर्वपद गौण है। जब इनका समास किया जाता है तब इनके बीच में को योजक चिन्ह का लोप हो जाता है।

अतः ये उदाहरण कर्म तत्पुरुष समास के अंतर्गत आएंगे।

  1. करण तत्पुरुष समास :

यह समास दो कारक चिन्हों से और के द्वारा के लोप से बनता है।  जैसे:

  • करुणापूर्ण : करुणासे पूर्ण
  • शोकाकुल : शौकसे आकुल
  • वाल्मीकिरचित : वाल्मीकिद्वारा रचित
  • शोकातुर : शोकसे आतुर

ऊपर दिए गए उदाहरण में जैसा की आप देख सकते हैं यहां सभी शब्दों में उत्तरपद प्रधान है एवम पूर्वपद गौण है। जब इनका समास किया जाता है तब इनके बीच में से योजक चिन्ह का लोप हो जाता है।

अतः ये उदाहरण करण तत्पुरुष समास के अंतर्गत आएंगे।

  • अकालपीड़ित : अकालसे पीड़ित
  • भुखमरा : भूखसे मरा
  • सूररचित : सूरद्वारा रचित

जैसा की आप ऊपर दिए गए उदाहरणों में देख सकते हैं यहां सभी शब्दों में उत्तरपद प्रधान है एवम पूर्वपद गौण है। जब इनका समास किया जाता है तब इनके बीच में से योजक चिन्ह का लोप हो जाता है।

अतः ये उदाहरण करण तत्पुरुष समास के अंतर्गत आएंगे।

  1. सम्प्रदान तत्पुरुष समास :

इस समास में कारक चिन्ह के लिए’ का लोप हो जाता है। जैसे:

  • प्रयोगशाला : प्रयोगके लिए शाला
  • डाकगाड़ी : डाकके लिए गाडी
  • रसोईघर : रसोईके लिए घर
  • यज्ञशाला : यज्ञके लिए शाला

ऊपर दिए गए उदाहरणों में जैसा की आप देख सकते हैं यहां सभी शब्दों में उत्तरपद प्रधान है एवम पूर्वपद गौण है। जब इनका समास किया जाता है तब इनके बीच में के लिए योजक चिन्ह का लोप हो जाता है।

अतः ये उदाहरण सम्प्र्दान तत्पुरुष समास के अंतर्गत आएंगे।

  • पाठशाला : पाठके लिए शाला
  • देशभक्ति : देशके लिए भक्ति
  • विद्यालय : विद्याके लिए आलय
  • हथकड़ी : हाथके लिए कड़ी
  1. अपादान तत्पुरुष समास :

इस समास में अपादान कारक के चिन्ह ‘से’ का लोप हो जाता है। जैसे:

  • ऋणमुक्त : ऋणसे मुक्त
  • धनहीन : धनसे हीन
  • गुणहीन : गुणसे हीन
  • विद्यारहित : विद्यासे रहित
  • पथभ्रष्ट : पथसे भ्रष्ट
  • जीवनमुक्त : जीवनसे मुक्त
  • रोगमुक्त : रोगसे मुक्त
  1. सम्बन्ध तत्पुरुष समास

सम्बन्ध कारक के चिन्ह का’, ‘के’ व की’ का लोप होता है वहां सम्बन्ध तत्पुरुष समास होता है। जैसे:

  • भूदान : भूका दान
  • राष्ट्रगौरव : राष्ट्रका गौरव
  • राजसभा : राजाकी सभा
  • जलधारा : जलकी धारा
  • भारतरत्न : भारतका रत्न
  1. अधिकरण तत्पुरुष समास :

इस समास में कारक चिन्ह में’ और पर’ का लोप होता है। जैसे:

  • गृहप्रवेश : गृहमें प्रवेश
  • पर्वतारोहण : पर्वत पर आरोहण
  • ग्रामवास : ग्राममें वास
  • आपबीती : आपपर बीती
  1. द्वन्द्व समास

– जिस समास के दोनों पद प्रधान होते हैं तथा विग्रह करने पर ‘और’, अथवा, ‘या’, एवं लगता है, वह द्वंद्व समास कहलाता है। जैसे-पाप-पुण्य – पाप और पुण्य

सीता-राम – सीता और राम

ऊँच-नीच – ऊँच और नीच

अन्न-जल – अन्न और जल

खरा-खोटा – खरा और खोटा

राधा-कृष्ण – राधा और कृष्ण

  1. बहुव्रीहि समास

जिस समास के दोनों पदों के अतिरिक्त कोई अन्य अर्थ प्रधान हो उसे बहुव्रीहि समास कहते हैं। जैसे – दशानन – दश है आनन (मुख) जिसके अर्थात् रावण

नीलकंठ – नीला है कंठ जिसका अर्थात् शिव

सुलोचना – सुंदर है लोचन जिसके अर्थात् मेघनाद की पत्नी

पीतांबर – पीले है अम्बर (वस्त्र) जिसके अर्थात् श्रीकृष्ण

लंबोदर – लंबा है उदर (पेट) जिसका अर्थात् गणेशजी

दुरात्मा – बुरी आत्मा वाला (कोई दुष्ट)

श्वेतांबर – श्वेत है जिसके अंबर (वस्त्र) अर्थात् सरस्वती जी

तत्पुरुष समास का एक अन्य भेद भी है जिसे द्विगु समास कहते हैं।

  1. द्विगु

– जिस समास का पूर्वपद संख्यावाचक विशेषण हो उसे द्विगु समास कहते हैं। इससे समूह अथवा समाहार का बोध होता है। जैसे

नवग्रह – नौ ग्रहों का मसूह

त्रिलोक – तीनों लोकों का समाहार

नवरात्र – नौ रात्रियों का समूह

अठन्नी – आठ आनों का समूह

दोपहर – दो पहरों का समाहार

चौमासा – चार मासों का समूह

शताब्दी – सौ अब्दो (वर्षों) का समूह

Practice Worksheet

Q1- निम्नलिखित में से कर्मधारय समास किसमें है-
A.चक्रपाणि 
B.माता-पिता
C.चतुर्युगम
D.निलोत्पलम

Ans-D

Q2-देशप्रेम में कौन सा समास है-
A.तत्पुरुष
B.अब्ययीभाव
C.कर्मधारय
D.बहुव्रीहि

Ans-A

Q3-अनायास” में कौन सा समास है-
A.अब्ययीभाव
B.द्विगु
C.कर्मधारय
D. नञ्

Ans-D

Q4-समास का शाब्दिक अर्थ क्या होता है-
A.विस्तार
B.संक्षेप
C.विच्छेद
D.विग्रह

Ans-B

Q5-किस समास में पहला पद(पूर्व पद) प्रधान होता है-
A.तत्पुरुष
B.षष्टी तत्पुरुष
C.अब्ययीभाव
D.कर्मधारय

Q6- नरोत्तम में कौन सा समास है-
A.करण तत्पुरुष
B.अधिकरण तत्पुरुष
C.अपादान तत्पुरुष
D.सम्प्रदान तत्पुरुष

Ans-B

Q7-देवासुर में कौन सा समास है-
A.कर्मधारय
B.तत्पुरुष
C.द्वंद
D.अब्ययीभाव

Ans-C

Q8-पंचवटी में कौन सा समास है-
A.द्वंद
B.बहुव्रीहि
C.तत्पुरुष
D.कर्मधारय

Ans-B

Q9- समास के कितने भेद है-
A.पांच
B.छः
C.चार
D.सात

Ans-B

Q-10 जिस समास के पूर्व पद में नकारात्मक शब्द आये उसे कहते हैं
A.बहुव्रीहि
B.करण तत्पुरुष
C.अपादान तत्पुरुष
D.नञ तत्पुरुष

Q11-विशेषण और विशेष के योग से कौन सा समास बनता है-
A.कर्मधारय
B.बहुव्रीहि
C.अब्ययीभाव
D.तत्पुरुष

Ans- A

Q12-युधिष्ठिर में कौन सा समास है-
A.तत्पुरुष
B.अधिकरण तत्पुरुष
C.बहुव्रीहि
D.अब्ययीभाव

Q13- किस समास में दोंनो पद प्रधान होते है-
A.द्विगु
B.तत्पुरुष
C.द्वंद
D.बहुव्रीहि

Ans-C

Q14- कर्महीन का समास विग्रह कीजिये-
A.कर्म हीन
B.कर्म का हनन करने वाला
C.कर्म से हीन
D.कोई नहीँ

Ans- C

Q15- वनवास में कौन सा समास है-
A.तत्पुरुष
B.कर्मधारय
C.अब्ययीभाव
D.बहुव्रीहि

Ans-A

Q16- निम्न में बहुव्रीहि समास किसमें है-
A.कमलनयन
B.मृगेंद्र
C.राजकुमार
D.इनमें कोई नहीं

Ans-B

Q17-कनकलता में कौन सा समास है-
A.कर्मधारय
B.बहुव्रीहि
C.नञ्
D.तत्पुरुष

Ans-A

Q18- दशमुख में कौन सा समास है-
A.द्विगु
B.द्वंद
C.कर्मधारय
D.बहुव्रीहि

Ans-D

Q19-जलहीन में कौन सा समास है-
A.करण तत्पुरुष
B.अपादान तत्पुरुष
C.अब्ययीभाव
D.कर्मधारय

Ans-B

Q20- तिरंगा में कौन सा समास है-
A.द्वंद
B.तत्पुरुष
C.द्विगु
D.कर्मधारय

Ans-C

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