समुद्री अर्थव्यवस्था और भारत | Maritime Economy
राज्य सभा टीवी के ख़ास प्रोग्राम देश देशांतर के इस अंक में आज बात समुद्री अर्थव्यवस्था और भारत की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को पूरी दुनिया को भारत आने और समुद्री क्षेत्र के प्रति इसकी गंभीरता को देखते हुए इसके विकास पथ का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित किया. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मैरीटाइम इंडिया समिट 2021 को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने समुद्री क्षेत्र पर अपना ध्यान केंद्रित करने के साथ इसे दुनिया की अग्रणी ब्लू इकॉनमी के रूप में बदलने के लिए भारत के दृष्टिकोण को व्यक्त करते हुए स्पष्ट आह्वान किया. पीएम मोदी ने कहा कि ‘शिखर सम्मेलन समुद्री क्षेत्र के प्रमुख हितधारकों को एक साथ लाएगा और भारत की समुद्री अर्थव्यवस्था के विकास को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगा. भारत इस क्षेत्र में एक नेचुरल लीडर है, हमारे तटों पर सभ्यताएं फली-फूलीं हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ‘भारतीय बंदरगाहों पर पहुंचने वाले जलपोतों और माल लेकर निकलने वाले जलपोतों के लिये प्रतीक्षा समय कम हुआ है, बंदरगाहों पर भंडारण सुविधाओं में निवेश किया जा रहा है. हम बंदरगाहों में निजी निवेश को प्रोत्साहन देंगे.’ भारत समुद्री क्षेत्र में बढ़ने और दुनिया की एक अग्रणी नीली अर्थव्यवस्था के रूप में उभरने के बारे में बहुत ईमानदार है. पीएम मोदी ने कहा कि हमारा 2030 तक देश में 23 जलमार्गों को परिचालन में लाने का उद्देश्य है. जलमार्ग परिवहन का लागत प्रभावी और पर्यावरण के अनुकुल तरीका है. प्रधानमंत्री ने कहा हमारी भारतीय तटक्षेत्र में 189 लाइटहाउस में से 78 को पर्यटन के तौर पर विकसित करने की योजना है. पीएम मोदी ने समुद्री सम्मेलन में कहा कि ‘सरकार घरेलू स्तर पर जलपोत निर्माण सुविधायें खड़ी करने उनकी मरम्मत का बाजार बनाने पर ध्यान दे रही है, ऐसे जलपोत निर्माण कारखानों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी… तो आज बात इन्ही मुद्दों की.