स्वास्थ्य क्षेत्र | Health Sector: Increasing Role of Panchayati Raj Institutions
राज्य सभा टीवी के ख़ास प्रोग्राम देश देशांतर के इस अंक में आज बात स्वास्थ्य क्षेत्र : पंचायती राज संस्थाओं की बढ़ती भूमिका की. कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के चलते देश में अप्रत्याशित स्थिति के बीच आज यानि 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस का वर्चुअल माध्यम से आयोजन किया गया। पंचायती राज दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंचायत प्रतिनिधियों से कहा कि एक साल पहले जब हम पंचायती राज दिवस के लिए मिले थे, तब पूरा देश कोरोना से मुकाबला कर रहा था। तब पंचायत प्रतिनिधियों ने बड़ी कुशलता से, ना सिर्फ कोरोना को गांवों में पहुंचने से रोका, बल्कि गांव में जागरूकता पहुंचाने में भी बहुत बड़ी भूमिका निभाई। इस वर्ष भी हमारे सामने चुनौती गांवों तक इस संक्रमण को पहुंचने से रोकने की है। जो भी गाइडलाइंस समय-समय पर जारी होती हैं उनका पूरा पालन गांव में हो, हमें ये सुनिश्चित करना होगा। इस बार हमारे पास वैक्सीन का एक सुरक्षा कवच है। इसलिए हमें सारी सावधानियों का पालन भी करना है और ये भी सुनिश्चित करना है कि गाँव के हर एक व्यक्ति को वैक्सीन की दोनों डोज़ लगे। दरअसल राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस भारतीय संविधान के 73वें संशोधन अधिनियम 1992 उन्नीस सौ बयानबे के पारित होने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। यह अधिनियम 24 अप्रैल 1993 से पूरे देश में लागू हुआ। इसके महत्व को देखते हुए पंचायती राज व्यवस्था की देखरेख के लिए 2004 को केंद्र में पंचायती राज मंत्रालय को एक अलग मंत्रालय बनाया गया। जबकि राज्यों में तो आजादी के समय से पंचायती राज विभाग हर राज्य में काम कर रहा है। आज के समय में खासकर स्वास्थ्य क्षेत्र में पंचायती राज संस्थाओं की बढ़ती भूमिका की बात करेंगे।