हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था | Hydrogen Economy
राज्य सभा टीवी के ख़ास प्रोग्राम देश देशांतर के इस अंक में आज बात हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था : संभावनाएं और चुनौतियां की. भारत ने हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था के लिए आपूर्ति चेन इंफ्रास्ट्रक्चर यानि Hydrogen Supply Chain Infrastructure को मजबूत बनाने के लिए और तेज गति से काम करने पर जोर दिया है। द एनर्जी फोरम और फेडरेशन ऑफ इंडियन पेट्रोलियम इंडस्ट्री के हाइड्रोजन गोलमेज सम्मेलन को संबोधित करते हुए पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस तथा इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि भारत न सिर्फ ट्रांसपोर्ट सेक्टर बल्कि Chemicals, Iron and Steel, Heating और पावर सेक्टर में भी हाइड्रोजन के इस्तेमाल को बढ़ाने के लिए कई बड़े कदम उठाएगा। वर्चुअल माध्यम से हाइड्रोजन सम्मेलन में भारत सरकार ने उम्मीद जताई है कि कार्बन मुक्त हाइड्रोजन फ्यूल आने वाले दिनों में अलग अलग सेक्टरों में ऊर्जा की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने में अहम रोल अदा कर सकता है। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अंतर्गत द एनर्जी फोरम और फेडरेशन ऑफ इंडियन पेट्रोलियम इंडस्ट्री ने 15 अप्रैल को ‘हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था भारतीय संवाद-2021 विषय पर वर्चुअल माध्यम से हाइड्रोजन गोलमेज सम्मेलन का आयोजन किया। ये सम्मेलन में चर्चाओं का फोकस उभरते हाइड्रोजन इकोसिस्टम और साझेदारी, सहयोग तथा संगठन की संभावनाओं से जुड़े अवसरों का पता लगाने पर रहा। इस गोलमेज सम्मेलन का उद्देश्य विश्व के महाद्वीपों पर मौजूद हाइड्रोजन की वर्तमान पारिस्थितिकी यानि इकोसिस्टम की प्रगति को समझना और थिंक टैंक, सरकारों और उद्योग जगत के लिए एक ऐसा मंच उपलब्ध कराना है जहां सभी पक्ष एक साथ आ सकें और सस्ती तथा टिकाऊ प्रौद्योगिकी विकसित करने के अभियान से जुड़ सकें। दुनिया अंतरराष्ट्रीय जलवायु प्रतिबद्धताओं को हासिल करने की दिशा में अग्रसर है और जलवायु परिवर्तन से जुड़ी चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए कदम आगे बढ़ा रही है, ऐसे में हाइड्रोजन की महत्ता दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है, क्योंकि यह एक मात्र ऐसा पारंपरिक ईंधन का स्रोत है जो ऊर्जा आवश्यकता की खाई को पाट सकता है…तो बात इन्हीं मुद्दों की.
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