भारत-चीन संबंध – आगे की राह | Framework for Engagement with China
राज्य सभा टीवी के ख़ास प्रोग्राम देश देशांतर के इस अंक में आज बात भारत-चीन संबंध : आगे की राह की. पूर्वी लद्दाख में सैनिकों की वापसी प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के वास्ते भारत और चीन जल्द ही कमांडर स्तर की 10वें दौर की वार्ता आयोजित करने पर सहमत हुए है. विदेश मंत्रालय ने यह जानकारी दी. सीमा गतिरोध को लेकर भारत और चीन पिछले सप्ताह हुई सैन्य स्तर की 9वें दौर की बातचीत में सैनिकों की जल्द वापसी की प्रक्रिया में तेजी लाने और पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में हालात को नियंत्रण एवं स्थिर करने के वास्ते प्रभावी प्रयास करने पर सहमत हुए थे. पिछले दौर की बातचीत के संयुक्त बयान का हवाला देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि दोनों पक्ष संबंधित देशों के नेताओं की महत्वपूर्ण सहमति का पालन करने और वार्ता की गति बनाए रखने को लेकर राजी हुए. भारत और चीन के बीच संबंधों को सुधारने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आठ सूत्र सुझाए हैं, जिनमें आपसी सम्मान, संवेदनशीलता और साझा हितों के प्रति द्विपक्षीय परिपक्वता शामिल है, उन्होंने कहा कि बीते वर्ष वास्तविक नियंत्रण रेखा पर हुई घटनाओं ने हमारे संबंधों पर वास्तव में अप्रत्याशित दबाव बढ़ा दिया है, पूर्वी लद्दाख गतिरोध के संबंध में उन्होंने कहा, जो समझौते हुए हैं उनका पूर्णतया पालन किया जाना चाहिए, एलएसी का कड़ाई से पालन और सम्मान जरूरी है. एलएसी पर यथास्थिति बदलने का एकतरफा प्रयास स्वीकार्य नहीं विदेश मंत्री ने स्पष्ट किया कि यथास्थिति को बदलने का कोई भी एकतरफा प्रयास स्वीकार्य नहीं है. इसी तरह एनएसजी में भारत की सदस्यता का बीजिंग से विरोध होना और सुरक्षा परिषद में स्थायी प्रतिनिधित्व की राह में चीन का रोड़ा अटकाना भी रिश्तों में खटास लाने वाले कदम हैं, ऐसे में, आगे का क्या रास्ता और क्या विकल्प हो सकते हैं …. तो आज बात इन्हीं मुद्दों की.
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